मार्किट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते है?

मार्किट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते है?

दोस्तों इस पोस्ट में मैंने विस्तार से यह बताया है कि सोलर पैनल क्या होता है और मार्केट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते हैं? इस पोस्ट के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि आपको किस प्रकार के सोलर पैनल का उपयोग करना चाहिए।, इस पोस्ट के माध्यम से यह जान पाएंगे कि मार्केट में इनके एवरेज रेट क्या है?, उनकी एफिशिएंसी कितनी होती है?

सोलर पैनल क्या होता है?

सोलर पैनल सूरज की रोशनी से बिजली बना कर देता है। यह बिजली DC (Direct Current) होती है, मतलब डायरेक्ट करंट (Direct Current) देता है फिर बाद में हम इनवर्टर(Inverter) की मदद से DC(Direct Current) को AC(Alternative Current) में कन्वर्ट कर लेते हैं।

सोलर पैनल कई छोटे-छोटे सेल्स को सीरीज या समानांतर में जोड़कर बनाया जाता है।

आज के समय में सोलर पैनल का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए पूरी दुनिया में बहुत तेजी से किया जा रहा है, क्योंकि इससे प्रदूषण नहीं होता है और यह सूरज की रोशनी से फ्री में बिजली जनरेट करता है।, इसके उपयोग से हमें ना जनरेटर की जरूरत होती है और ना ही और किसी बिजली की जरूरत होती है। 

मार्केट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाये जाते है?

मार्केट में सोलर पैनल कई प्रकार के पाए जाते हैं जो निम्नलिखित हैं:-

मार्किट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते है?

पॉली पैनल(Poly Panels):-

यह इंडिया में बिकने वाला सबसे ज्यादा सोलर पैनल है। यह पैनल नीले कलर के होते हैं। इसके अंदर के सेल स्क्वायर फॉर्म (Cell Square Form)में होते हैं।

इसके कलर स्काई ब्लू (Sky Blue) या लाइट ब्लू (Light Blue)होते हैं, पर पैनल के कलर ब्लू ही रहेंगे इसमें अलग-अलग तरह के सिलिकॉन का यूज किया जाता है। इसलिए इसका कलर ब्लू होता है।

इसको बनाने का तरीका आसान और सस्ता होता है, इसलिए यह सबसे सस्ते होते हैं। पॉली पैनल(Poly Panels) इंस्टॉल होने में ज्यादा एरिया (Area )लेते हैं यदि आपका बजट कम है और आपके पास पैनल इंस्टॉल करने के लिए ज्यादा स्पेस है तो आप पॉली पैनल(Poly Panels) ले सकते हैं।

पर पॉली पैनल(Poly Panels) को ज्यादा गर्म इलाके में नहीं लगाया जाता और ना ही ज्यादा ठंडे इलाके में जहां बर्फ गिरती हैं क्योंकि गर्म और ठंडे इलाके में पॉली पैनल(Poly Panels) की एफिशिएंसी कम हो जाती है प्रॉपर तरीके से काम नहीं करता है।

 मार्केट में पॉली पैनल(Poly Panels) का रेट ₹20 से शुरू होकर ₹28 तक पर वाट होता है और इसकी गारंटी 25 साल की होती है।

मोनो पैनल( Mono Panels ):-

मोनो पैनल( Mono Panels ) में सिर्फ एक ही तरह के सिलिकॉन का यूज किया जाता है, इसलिए इसका कलर ब्लैक होता है।

इसकी पहचान है कि सेल के चारों कोने कटे होते हैं और मोनो पैनल( Mono Panels ) का कलर ब्लैक होता है।

यह पैनल पॉली पैनल(Poly Panels) से ज्यादा टिकाऊ होते हैं और मोनो पैनल( Mono Panels ) की परफॉर्मेंस भी पॉली पैनल(Poly Panels) से  5 से 10% ज्यादा होती है।

इसका रेट ₹22 से ₹30 पर वाट होता है। यह पॉली पैनल(Poly Panels) से ₹2 ज्यादा महंगा होता है।

अब मोनो पैनल( Mono Panels ) में ही सबसे ज्यादा इनोवेशन हुए हैं।

A) मोनो पर्क पैनल ( Mono Perc Panels):-

mono-perc technology
मार्किट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते है?

इस पैनल की परफॉर्मेंस पॉली पैनल(Poly Panels) से 20% ज्यादा होती है। उदाहरण के लिए

यदि पोली पैनल से दो बाई 2 मीटर में 300 वाट का आउटपुट मिल रहा है, तो उतने ही एरिया में मोनो पर्क पैनल ( Mono Perc Panels) से करीब 400 वाट का आउटपुट मिलेगा।

B) मोनो पर्क हाफ कट पैनल ( Mono Perc Half Cut Panels):-

यह मोनो पर्क पैनल ( Mono Perc Panels)  का लेटेस्ट टेक्नोलॉजी हैं मोनो पर्क हाफ कट पैनल ( Mono Perc Half Cut Panels) का साइज 2 मीटर बाई 1 मीटर होता है। मतलब 2 मीटर लंबा और 1 मीटर चौड़ा होता है।

इसमें 72-72 सेल की दो String बनाकर इनको Parallel जोड़ा जाता है।

मतलब इसका फायदा यह हुआ कि सेल को हाफ कट कर देने से सेल की एफिशिएंसी बढ़ जाती है।

दूसरी चीज अगर किसी कारण से हमारे पैनल के किसी पार्ट पर शैडो(Shadow) आ जाता है। जैसे- किसी बिल्डिंग का पेड़ या और किसी चीज का शैडो(Shadow) है तो उस कंडीशन में भी हमारा आउटपुट बहुत ज्यादा कम नहीं होता है।

इसका इस्तेमाल हम ई रिक्शा और ऐसी जगह पर करते हैं जहां पर धूप लगातार नहीं रहती है।

मार्केट में ए ग्रेड मोनो पर्क हाफ कट पैनल ( Mono Perc Half Cut Panels) का रेट ₹30 से शुरू होकर ₹40 पर वाट तक है।

C) मोनो पर्क बायो फेशियल पैनल (Mono Parc Bio Facial Panel):-

मार्किट में सोलर पैनल कितने प्रकार के पाए जाते है? मोनो पर्क बायो फेशियल पैनल

यह सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है। यह पैनल दोनों तरफ से पावर जनरेट करता है।

मोनो पर्क बायो फेशियल पैनल (Mono Parc Bio Facial Panel) का एक सबसे ज्यादा एडवांटेज है कि ये उन इलाकों में सबसे ज्यादा काम करता है जिन इलाकों में बहुत ज्यादा गर्मी होती है या बहुत ज्यादा सर्दी होती है जहां बहुत ज्यादा बर्फ गिरती है।

उन इलाकों के लिए मोनो पर्क बायो फेशियल पैनल (Mono Parc Bio Facial Panel) सबसे ज्यादा बेस्ट होता है।

इसकी एफिशिएंसी पॉली पैनल(Poly Panels) से 50% से 60% तक ज्यादा होती है।

भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले सोलर पैनल

  1. ADANI SOLAR(अदानी सोलरी)
  2. VIKRAM SOLAR LIMITED(विक्रम सोलर लिमिटेड)
  3. WAAREE ENERGIES LTD(वारी एनर्जीज लिमिटेड)
  4. RENEWSYS SOLAR(रेनूसीस सोलर)
  5. TATA POWER SOLAR(टाटा पावर सोलर)
  6. SWELECT Energy Systems Limited(SWELECT एनर्जी सिस्टम्स लिमिटेड)
  7. EMMVEE SOLAR SYSTEM(EMMVEE सोलर सिस्टम)
  8. PREMIER SOLAR(प्रीमियर सोलर)
  9. Loom Solar(लूम सोलर)
  10. SAATVIK GREEN ENERGY(सात्विक ग्रीन एनर्जी)

दोस्तों मैंने आपको इस पोस्ट में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी बताई है शायद आप इस जानकारी को पढ़कर एक अच्छे पैनल का चुनाव कर पाएंगे।

मैंने आपको इसमें बताया है की सोलर पैनल क्या होता है और मार्केट में कितने प्रकार के सोलर पैनल पाए जाते हैं? उनकी एफिशिएंसी कितनी होती है और उनके रेट कितने होते हैं? भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले सोलर पैनल।

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